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Showing posts from October, 2017

हरियाणा की मशहूर कहावतें Part-1

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अ, आ अकल बिना ऊंट उभाणे फिरैं अकल मारी जाट की, राॅघङ राख़या हाली, वो उस नै काम कह, वो उस नै दे गाली अपनी रहिय्याँ नै न रोती, जेठ की जायियाँ नै रोवे अंधा न्यौतै और दो बुलावै अर तीसरा गैला आवे अरै, क्यूकर ब्याह में नाई की तरियां हो रहया सै ? अगेती फसल और अगेती मार करणियां की होवै ना कदे बी हार आई तीज, बिखेर गई बीज - आई होली, भर ले गई झोली आगै-पाछै नीम तळै ("one and the same thing") आड़ की पड़छाड़ की, मेरे नाना की ससुराड़ आया मंगसिर, जाड्डा चाल्या रंग-सिर - आया पौह, जाड्डे हा हुआ छोह - आया माह, जाड्डा चाल्या राह-ए-राह - आया फागण, जाड्डा चाल्या हागण ! आब-आब कहते मरे सिरहाणै धरया रहया पाणी (आब मतलब पानी) means use language that all understand औंधै जाट नै लागी अंघाई, भैंस बेच कै धोडी बसाई आँकल-झोट्यां का खाया कदे बेकार ना जाया करै आन्धी पिस्से कुत्ते खा आंध्यां की माखी राम उडावै आंध्यां बांटै सीरणी अप अपणा नै दे - औरां की के फूट-गी, आगा बढ़-कै ले आंधा गुरू आंधा चेला - कूंऐं में दोनूं ढ़ेल्लम-ढ़ेल्लां आपना मारे छाया में गेरे इ, ई इबै किमै ना बिगङया,...

उन्नत किसान के द्वारा उगाया जाता है फूल जिससे वो सालाना लाखों रुपये कमा रहैं हैं

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हरियाणा के किसान देश और विदेश में अपनी खेती के लिए फेमस है। पलवल जिले के प्रगतिशील किसान बिजेंद्र दलाल उन्हीं में से एक है। वे तकनीक के साथ फूलों की खेती कर लाखों रुपए की आमदनी ले रहे हैं। हरियाणा, पंजाब व उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए वे रोल मॉडल से कम नहीं हैं। दूर-दूर से लोग उनसे जानकारी लेने पहुंचते हैं। गुलाब और ब्रासिका की करते हैं खेती… – 1984 से खेती कर रहे बिजेंद्र दलाल बताते हैं कि शुरूआत में तो उन्होंने परंपरागत खेती की लेकिन धीरे-धीरे जानकारी बढ़ी तो फूलों की खेती शुरू की। – आज वे बड़े स्तर पर गुलाबों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने नेट हाउस में साढ़े आठ एकड़ जमीन पर 25 से 30 हजार गुलाब के पौधे लगा रखे हैं। – इन पर उनकी कोस्ट लगभग 25 लाख रुपए आई। फसल आने के पहले साल 5 लाख रुपए मुनाफा लिया और अगले 4 साल तक 10 लाख रुपए मुनाफा आने का अनुमान है। जापान से बीज मंगाकर उगाया ब्रासिका – बिजेंद्र दलाल ने अपने खेतों में 60 दिनों तक न मुरझाने वाला फूल ब्रासिका भी उगाया था। इसका बीज उन्होंने जापान से मंगाया था। यह फूल 2 महीने तक खराब नहीं होता। – फूल की चमक भी मेहमानों को आकर्षि...

एक आईडिया जिसने पूरी तरह बदल कर रख दी इस शख्स की जिंदगी

कहते हैं कि एक आइडिया आपकी लाइफ बदल सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ है राजस्थान के जैसलमेर में रहने वाले हरीश धनदेव की लाइफ में। पेशे से इंजीनियर हरीश ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर एक ऐसी चीज की खेती कि आज वे करोड़पति बन गए हैं। – किसानों के परिवार से आने की वजह से हरीश का मन खेती से जुड़े काम करने का था।  – इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और एलोवेरा की खेती करने लगे। उनका ये आइडिया हिट रहा और देखते ही देखते उनका सलाना टर्नओवर करोड़ों में जा पहुंचा। उन्हें जैसेलमेर म्युनिसिपल काउंसिल में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिली थी। लेकिन उनका दिल हमेशा कुछ और करना चाहता था। इसलिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी। दिल्ली में आया आइडिया… – हरीश को एलोवेरा की खेती करने का आइडिया दिल्ली में हुए एक एग्रीकल्चर एक्सपो से मिला। – जहां उन्हें एलोवेरा, आंवला और गुंडा उगाने के बारे में पता चला। – बता दें कि रेगिस्तान में बाजरा, गेहूं, सरसो आदि उगाया जाता है लेकिन हरीश ने एलोवेरा उगाया।  – उन्होंने अपनी 120 एकड़ जमीन में ‘बेबी डेन्सिस’ नामक एलोवेरा की वेराइटी को उगाया। – शुरू में उन्होंने एलोवेरा के 8...

जवाहरलाल नेहरू के उच्चें शौकौं का उदाहरण

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जवाहरलाल नेहरू ने मप्र को कई सौगातें दी हैं। मप्र के राजनेता शंकरदयाल शर्मा और उनके बीच खासी नजदीकी थी। इस वजह से अकसर नेहरू मप्र आया करते थे। जवाहरलाल नेहरू अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भोपाल शहर मे 18 बार आए। एक बार जवाहरलाल नेहरू भोपाल के दौरे पर थे। राजभवन में यह पता चला कि नेहरू की फेवरेट ब्रांड 555 सिगरेट भोपाल में नहीं मिल रही है। नेहरू खाने के बाद सिगरेट पीते थे। यह पता चलते ही भोपाल से इंदौर एक विशेष विमान भेजा गया। इंदौर एयरपोर्ट पर सिगरेट के कुछ पैकेट पहुंचाए गए और विमान सिगरेट के पैकेट लेकर वापस भोपाल लौट आया। इस घटना का जिक्र मप्र राजभवन की वेबसाइट पर है। जवाहरलाल नेहरू जब भी भोपाल आते थे तो भोपाल नवाब के महल या उनकी चिकलोद स्थित कोठी पर रुकते थे। यह देखकर मप्र के दूसरे राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर काफी नाराज हुए। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू से साफ कह दिया कि आप अधिकारिक यात्रा पर भोपाल आ रहे हैं, इसलिए आपके ठहरने के लिए राजभवन से उपयुक्त कोई और जगह नहीं है।भोपाल के करीब यिकलोद कोठी नवाबी दौर क्री शान मानी जाती थी । यह कोठी तीन तरफ से पहाडों से घिरी होने ओ...

देश के लिए एक अनमोल रत्न - लाल बहादूर शास्त्री

देश के दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री का जन्म रामनगर में मुंशी शारदा प्रसाद के यहां 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था। साहित्यकार नीरजा माधव ने ‘भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री’ किताब लिखी है। ये अकेले ऐसे प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने 1965 में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के लाहौर में घुसकर पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जबाब दिया था। पाकिस्‍तानियों को दिया था मुंह तोड़ जवाब – शास्त्री जी ने अपने कार्यकाल में 1965 में पाकिस्तानियों को लाहौर में घुसकर मुहं तोड़ जबाब दिया था। – वो कहते थे अहिंसा हमारा परम धर्म है। जब कोई बड़ी हिंसा करता है जिसमें लोगों और देश का अहित हो। बच्चे, पत्नी, माताएं बिलखती हैं, तो ऐसी जगह पर अहिंसा का राग अलापना कायरता है। – इस प्रकार वो क्रांति और शांति दोनों के दूत थे। – लाल बहादुर शास्त्री अकेले ऐसे प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के लाहौर में घुसकर पाकिस्तानियों को मुहतोड़ जबाब दिया था। – सेना ने पाकिस्‍तानी लाहौर में घुसकर तिरंगा फहराया था। पानी की बौछार से हटवाई थी भीड़ – शास्त्री जी के पड़ोसी नसीम अहमद, अभिषेक दिवेदी और नीरजा माधव ने उनके जीवन से जु...

ब्रुनेई के सुल्तान जिसी टौर या जमींदारा की

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ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया के पास 1363 अरब रुपए की दौलत है और इसमें उनका सोने का महल काफी प्रसिद्ध है। सोने से जुड़ा यह महल 2387 करोड रुपए की कीमत रखता है। यह महल सिटी बंधन सेरी बेगावन में नदी के किनारे बना हुआ है। यह पूरा पैलेस 20 लाख स्क्वायर फीट एरिया में फैला हुआ है। इस पैलेस में 1718 कमरे हैं और सभी लोग 22 कैरेट सोने से जुड़े हुए हैं। इस पैलेस में 257 बाथरूम हैं सुल्तान का यह पैलेस बीजिंग के फॉरबिडन सिटी के बाद सबसे बड़ा पैलेस माना जाता है। इस पैलेस में 110 कारों का गैरेज है। पोलो खेल में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों के लिए यहां पर एयर कंडीशन अस्तबल बनाया गया है। यह बताया जाता है कि इन घोड़ों की संख्या करीबन 200 है। इस पैलेस में पांच स्विमिंग पूल है जो कि काफी बड़े हैं। इस पैलेस में मौजूद बैंकेट हॉल 5000 से ज्यादा गेस्ट को बैठाने की क्षमता रखता है। इस पैलेस में एक मस्जिद भी है जिसमें 1500 लोग एक साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं। इस पैलेस में बड़े साइज के 51 हजार लाइट बल्ब लगे हैं साथ ही 44 सीढ़ियां और 18 एलिवेटर की व्यवस्था की गई है। यह पैलेस रमजान के महीने में आम जनता के...

हरियाणा दिवस स्पेशल

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भाइयो आपणे.हरियाणे का जन्म 1 नवम्बर 1966 नै होया था ।  इसके बाप का नाम भारत आर माँ का नाम दिल्ली देवी सै। यो भारत का 17वां छोरा था  भाइयों ..ईब भाइयों यो पूरा 51 साल का हो गया । इब इसका 10वां मुखिया मनोहर लाल खट्टर सै।  कुछ खास बात अपणे दादा हरियाणे नै फूला मैं कमल, पेड पीपल , पक्षी काला तीतर, पशु नीलगाय बहोत पसन्द सै ।हरियाणा देश का पहला कुणबा सै जिसके धोरै1970मैं बिजळी आगी थी न्यू तो यो बहोत ही पहले पैदा होग्या था पर इसके माँ बाप इसकी डेट ऑफ़ बर्थ भूल गए तो इब जब यो 1 नवम्बर 1966 नै अपणे बड़े भाई पंजाब तं न्यारा होया तो इसके बाबू भारत नै इसकी याहे डेट ऑफ़ बर्थ बणवा दी बस तब तं हाम सारे इसका बर्थ डे 1 नवम्बर न ही मनावा सां। भाइयो एक बै भगवान यानि हरी इसके घरां आग्ये थे आर कई दिन इसके धोरे रहये तो हरी का आणा यानि हरियाणा .यो इसका नाम करण होग्या।इस्तं पहले तो इसका नाम कोये काळीया धोळीया होगा..? फ़ौजी नै तो घणा सा बेरा भी कोनी। आपणे बड़े भाई पंजाब तं न्यारा होया तो इसकै 7 छोरे थे इब इसके जमा हट्टे कट्टे 22 छोरे सैं जिनके नाम सैं -भिवानी , सिरसा , ह...

मोदी की thug life

कालु आपणी दादी तै - दादी रांडया की भी कोई जिन्दगी ना होती . दादी - ना रे , खट्टर अर मोदी जमा काचे काट रे है..😀$.$😂

तैरी झांकी कै मै गोला मारूं

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हरियाणा में ईब तक का महामुकाबला

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यौ हरियाणा सै याडै कुछ भी बीडवा सकै हैं|

नया गाणा, नया स्टाईल,

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सहनशीलता

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फोन पर दामाद से ससुर- हेलो बेटे दामाद- प्रणाम पापाजी ससुर - क्या कर रहे हो? दामाद - *सहन* 😖😖😖😖😖